कालका माता मंदिर इंदौर
इंदौर शहर में कालका माता मंदिर जो की खजराना गणेश मंदिर से कुछ ही दुरी पर स्थित है, माँ कलिका का ये मंदिर बहुत ही प्रसिद्ध है, मंदिर में माता की बहुत ही बड़ी और सुन्दर प्रतिमा विराजमान है यहाँ माता जी की प्रतिमा जीवंत रूप में विराजित है। भक्तगण जब माता के दर्शन करते हैं तो उन्हें ऐसा लगता हे कि माँ साक्षात सामने ख़ड़ी हे और उन्हें दर्शन दे रही है ।
मंदिर का निर्माण कैसे हुआ
मंदिर की स्थापना व मंदिर के निर्माण का कार्य राधेश्याम अग्रवाल बापूजी ने किया, वे पेशे से इंजीनियर थे ।
वे बचपन से माता बचपन से माँ कालका के अनन्य भक्त थे वे बापूजी के नाम से भी जाने जाते थे। बापूजी के पास अपनी चार फैक्टरियों थी वर्ष १९७५ उन्होंने अपनी 3 फैक्टरियों सागौन सीमेंट, फेब्रीकेशन और पल्वाराइजर मशीन बनाने वाली को बेचकर खजराना में जमीन खरीदकर माँ की एक छोटी प्रतिमा की स्थापना की।
खजराना में निवास करने वाले हरिकिशन पाटीदार जिनके यहाँ पुत्र की प्राप्ति होने में मंदिर से लगी होई अपनी जमीन को मंदिर को दान कर दी और 1984 में राधेश्याम अग्रवाल जी ने भव्य मंदिर का निर्माण कार्य करवाया और मंदिर में विशाल प्रतिमा बनाने का निर्णय लिया।
वर्ष 1987 में माता की 9 फिट की संगमरमर की मूर्ति राजस्थान के छितौली गाँव से लाई गई और विशाल चल समारोह निकाला गया। ३१ जुलाई सन 1991 में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
गर्भाधान का समय
साढ़े तीन साल के गर्भाधान प्रयोग के बाद 17 फरवरी 1991 मां कलिका की इस विशाल प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा की गई।
इसलिए प्रतिवर्ष चैत्र व अश्विन पक्ष की नवरात्रि पर माँ के मंदिर में विशेष आयोजन किए जाते हैं।
घर बैठे माँ कालका माता खजराना वाली के दर्शन कीजिये ,जो सभी भक्तो की मनोकामनएं पूरी करती है|
9 फिट की मूर्ति ही को लाई गई
9 फिट की मूर्ति लेन के कारण यहाँ था की सभी भक्तो को आसानी से माता के दर्शन हो सके नो रात्रि के शामे मंदिर में बहुत से लोग माँ की आरती में आते हे और जो पूछे खड़ा हे वो भी माँ के दर्शन कर सके यही कारण था की मूर्ति की लम्बाई जाता रखी गई ।
मंदिर में भक्त गणो के खड़े रहने की भी बहुत बड़ी जगह हे जहा पर एक समय में सेखडो लोग खड़े रहकर माँ के दर्शन और आरती आराम से कर सकते है
मंदिर में चढ़ाने वाला प्रसाद कहा मिलेगा
आप माँ को चढ़ाने वाला प्रसाद मंदिर के बहार लगी दुखानो से ले सकते है । प्रशाद और दर्शन करने के बाद एक बार माँ की परिक्रमा जरूर करे सच्चे मन से जो भी भक्त माँ से कुछ भी मांगता है उसकी इच्छा पूरी होती है